ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में उस समय सनसनी फैल गई जब राज्य सरकार के मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी के आवास समेत सात स्थानों पर सतर्कता विभाग की छापेमारी हुई। इस दौरान अधिकारियों को जो बरामदगी मिली, उसने सभी को चौंका दिया। जांच के पहले चरण में ही ₹2.1 करोड़ से अधिक की नकदी बरामद की गई, जिससे यह मामला गंभीर होता चला गया। आरोप है कि यह नकदी उनकी घोषित आय से कहीं अधिक है, जिससे भ्रष्टाचार का संदेह और गहरा गया है।
छापे के दौरान घबराए अभियंता ने की हैरान करने वाली हरकत
जांच के दौरान सबसे नाटकीय दृश्य तब सामने आया जब सतर्कता अधिकारी बैकुंठ नाथ सारंगी के फ्लैट में पहुंचे। अफसरों की मौजूदगी से घबराए अभियंता ने आनन-फानन में नकदी से भरे बंडलों को खिड़की से बाहर फेंकना शुरू कर दिया। यह दृश्य देख अधिकारी और भी सतर्क हो गए और उन्होंने तत्काल इलाके की घेराबंदी कर दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि नीचे गिरे पैसों की गिनती की गई और बाद में उन्हें बैग में भरकर जब्त कर लिया गया।
चार शहरों में फैली कार्रवाई, कई संपत्तियों का खुलासा
इस छापेमारी अभियान को एक बड़े ऑपरेशन के तौर पर अंजाम दिया गया। भुवनेश्वर के अलावा कटक, पुरी और बालासोर में भी सारंगी से जुड़े विभिन्न परिसरों की तलाशी ली गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अभियंता के पास महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कीमती गहने, आलीशान फर्नीचर, जमीन और फ्लैट से संबंधित दस्तावेज़ तथा कई बैंक खातों और लॉकरों की जानकारी मिली है। यह छापेमारी सात टीमों द्वारा की गई जिसमें सतर्कता विभाग के लगभग 50 से अधिक अधिकारी शामिल थे। विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत 26 पुलिसकर्मियों की एक टीम तैनात की गई थी, जिसमें कई डीएसपी, निरीक्षक और एएसआई शामिल थे।
कानूनी प्रक्रिया शुरू, एफआईआर दर्ज
सतर्कता विभाग ने इस मामले को लेकर विस्तृत कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सारंगी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने, भ्रष्टाचार में लिप्त होने और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि अभी तक उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन उनके नाम पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और उनसे पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है।
ओडिशा में नौकरशाही की साख पर सवाल
इस घटना ने राज्य के प्रशासनिक तंत्र की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह समझना मुश्किल हो गया है कि एक सरकारी अधिकारी के पास इतनी बड़ी नकदी और संपत्ति आखिर कैसे पहुंची? क्या यह किसी बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क का हिस्सा है या किसी संगठित गिरोह से जुड़ा मामला? यह सवाल इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि इससे पहले भी ओडिशा के PWD, ग्रामीण विकास और जल संसाधन विभागों से जुड़े कई अभियंताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।
खिड़की से नकदी फेंकने जैसी घटना ने इस मामले को न सिर्फ अलग बना दिया है, बल्कि राज्य भर में चर्चा का विषय भी बना दिया है। अब यह देखना अहम होगा कि जांच एजेंसियां इस पूरे मामले में किस निष्कर्ष तक पहुंचती हैं और क्या बैकुंठ नाथ सारंगी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से राज्य में भ्रष्टाचार पर कोई लगाम लगेगी या नहीं।