पाकिस्तान में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार दोपहर 1 बजकर 37 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 180 किलोमीटर की गहराई में था। गनीमत यह रही कि फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, हालांकि अचानक आए इन झटकों से लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। गौरतलब है कि दो दिन पहले भी पाकिस्तान में जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिससे लोगों में चिंता का माहौल है।
क्यों आता है भूकंप? भूगर्भीय हलचल है मुख्य वजह
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई हिस्सों से भूकंप की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो धरती के अंदर चल रही निरंतर भूगर्भीय गतिविधियों का परिणाम हैं। हमारी पृथ्वी के भीतर कुल सात विशालकाय टेक्टोनिक प्लेट्स मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार अपनी जगह पर धीमी गति से घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तो ऊर्जा का संचार होता है, जिससे कंपन उत्पन्न होता है। यही कंपन हमें भूकंप के झटकों के रूप में महसूस होता है।
भारत में भूकंप के संवेदनशील क्षेत्र
भूगर्भ विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत का लगभग 59 प्रतिशत भूभाग भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंपीय क्षेत्रों को चार प्रमुख भागों में बांटा है: जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5। इनमें से जोन-5 के अंतर्गत आने वाले इलाकों को सबसे अधिक संवेदनशील माना जाता है, जहां तीव्र भूकंप आने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। वहीं, जोन-2 सबसे कम संवेदनशील क्षेत्र है। भारत की राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती है, जिसका अर्थ है कि यहां भी 7 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप आने का खतरा बना रहता है। यह वर्गीकरण देश के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के जोखिम को समझने और उससे निपटने की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण है।