भोपाल, मध्य प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित ‘लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ में भाग लिया और राज्य को विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात दीं. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं मध्य प्रदेश में सुविधाओं में वृद्धि करेंगी, विकास को गति प्रदान करेंगी और नए रोजगार के अवसर सृजित करेंगी. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के अतुलनीय ऐतिहासिक योगदान को भी रेखांकित किया.
लोकमाता अहिल्याबाई की 300वीं जयंती और उनका योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती है, जो 140 करोड़ भारतीयों के लिए प्रेरणा का अवसर है. उन्होंने कहा, “यह राष्ट्र निर्माण के भागीरथी प्रयासों में अपना योगदान देने का समय है.” प्रधानमंत्री ने अहिल्याबाई के आदर्शों को याद करते हुए कहा कि वे मानती थीं कि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन में सुधार लाना होता है. उन्होंने अहिल्याबाई को भारत की विरासत का एक महान संरक्षक बताया, जिन्होंने देश की संस्कृति, मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर हो रहे हमलों के दौरान उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया. प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से काशी विश्वनाथ सहित देश भर में अनेक मंदिरों और तीर्थों के पुनर्निर्माण में अहिल्याबाई के योगदान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि जिस काशी में लोकमाता अहिल्याबाई ने विकास के इतने कार्य किए, उसी काशी ने उन्हें भी सेवा का अवसर दिया है. उन्होंने बताया कि आज अगर कोई काशी विश्वनाथ महादेव के दर्शन करने जाता है, तो वहां देवी अहिल्याबाई की मूर्ति भी देखने को मिलती है.
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का भोपाल के जंबूरी मैदान पर आयोजित "महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन" में हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) May 31, 2025
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अहिल्याबाई का दूरदर्शी नेतृत्व और जनसेवा का संकल्प
प्रधानमंत्री ने अहिल्याबाई के समय की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 250-300 साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, उस समय ऐसे महान कार्य कर जाना, जिनकी चर्चा आने वाली अनेक पीढ़ियां करें, कहना आसान है, करना आसान नहीं था. उन्होंने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई ने प्रभुसेवा और जनसेवा को कभी अलग नहीं माना. वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ रखती थीं और उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में भी एक राज्य का नेतृत्व करते हुए अपने राज्य की समृद्धि को नई दिशा दी. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सोच थी कि शासन का अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है, और आज शुरू की गई परियोजनाएं उनकी इसी सोच को साकार करती हैं.
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की नारी शक्ति का सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों ने न केवल भारतीयों का खून बहाया, बल्कि हमारी संस्कृति पर प्रहार करने और हमारे समाज को बांटने की कोशिश भी की. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है, लेकिन यह चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है. प्रधानमंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन बताया, जहां पाकिस्तान की सेना ने सोचा तक नहीं था, वहां आतंकी ठिकानों को भारतीय सेना ने मिट्टी में मिला दिया.
मातृशक्ति को नमन और भारत की सशक्त प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि वे मां भारती और देश की माताओं, बहनों और बेटियों को प्रणाम करते हैं. उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में माताओं-बहनों-बेटियों के आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने अंत में भारत की सुरक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि अब भारत का एक-एक नागरिक कह रहा है, “अगर तुम गोली चलाओगे तो मान कर चलो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा.”