पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खासतौर पर पहाड़ी राज्य सिक्किम में भारी बारिश के चलते हालात और भी गंभीर हो गए हैं। रविवार, 1 जून 2025 की शाम को राज्य के एक आर्मी कैंप में भूस्खलन की बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
भूस्खलन से मचा हड़कंप, कई जवानों के लापता होने की आशंका
मौके से मिली जानकारी के अनुसार यह लैंडस्लाइड इतनी तीव्र थी कि उसने सैन्य क्षेत्र को बुरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के वक्त कई सैनिक कैंप में मौजूद थे। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार मृतकों में सेना के जवान भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि अब तक किसी की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है।
उत्तर पूर्वी राज्यों में भयानक तबाही
— Diksha singh (@DikshaSingh7522) June 2, 2025
इम्फ़ाल घाटी में बाढ़ से हाहाकार
घाटी के ज़्यादातर इलाक़े जलमग्न
सिक्किम के मंगल में सैकड़ों सैलानी फंसे#Sikkim #ASAM #Flood #HeavyRain pic.twitter.com/lLs7GoiFOV
इस दर्दनाक हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया है। बताया जा रहा है कि कम से कम नौ जवान अभी भी लापता हैं और उनकी खोजबीन के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। सेना और स्थानीय प्रशासन की टीम मिलकर मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं।
मौसम ने बढ़ाई मुश्किलें, राहत कार्य में आ रही बाधा
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते राहत और बचाव कार्य में भी बाधाएं आ रही हैं। मलबा हटाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं और सुरक्षाकर्मी खराब मौसम के बीच अपना काम कर रहे हैं। घटना स्थल के आसपास के इलाकों में भी भारी बारिश के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं, जिससे अन्य इलाकों में भी भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।
प्रशासन सतर्क, स्थिति पर नजर बनाए हुए है
स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखी है और संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। आम लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी तरह के आपातकालीन हालात में प्रशासन से संपर्क करें।
पूर्वोत्तर भारत में मानसून की शुरुआत के साथ ही प्राकृतिक आपदाएं सामने आने लगी हैं। यह घटना न केवल एक बड़ा झटका है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पहाड़ी इलाकों में मौसम की मार किस हद तक जानलेवा साबित हो सकती है। सेना और प्रशासन की टीमें लापता जवानों की सलामती के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन समय के साथ-साथ चिंता भी बढ़ती जा रही है।