June 4, 2025
स्पोर्ट्स

डी गुकेश ने रचा इतिहास, मैग्नस कार्लसन को पहली बार क्लासिकल फॉर्मेट में हराया, कार्लसन का गुस्सा हुआ वायरल

ठीक एक सप्ताह पहले, नॉर्वे शतरंज के शुरुआती दौर में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने भारत के युवा शतरंज सनसनी डी गुकेश को मात दी थी. उस हार के बाद गुकेश ने HBO के मशहूर शो ‘द वायर’ का हवाला देते हुए X पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘जब आप किंग के पास पहुंचते हैं तो सबसे अच्छा यही है कि आप चूकें नहीं.’ रविवार देर रात (सोमवार, 2 जून) स्टावेंजर में चल रहे इसी प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 19 वर्षीय डी गुकेश ने अपनी बात को सच साबित करते हुए इतिहास रच दिया. उन्होंने 62 चालों के बाद दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन पर अपनी पहली क्लासिकल टूर्नामेंट जीत दर्ज की.

कार्लसन का गुस्सा: बोर्ड पर मुक्का और माफी

यह पहला मौका था जब डी गुकेश ने किसी क्लासिकल शतरंज टूर्नामेंट में नॉर्वे के इस दिग्गज खिलाड़ी को पराजित किया. इस ऐतिहासिक पल से कुछ ही सेकंड पहले, इतिहास के महानतम शतरंज खिलाड़ियों में से एक, मैग्नस कार्लसन ने इतनी ज़ोर से शतरंज बोर्ड पर मुक्का मारा कि बोर्ड हिल गया और कई मोहरे गिर गए. हालांकि, कुछ मोहरे अपनी जगह पर खड़े रहे, जिनमें डी गुकेश का ‘बादशाह’ भी शामिल था. गुस्से से लाल कार्लसन ‘हे ईश्वर!’ कहते हुए अपनी सीट से उठ खड़े हुए.

अपनी भावनाओं पर नियंत्रण न रख पाने के कारण कार्लसन ने बाद में गुकेश से दो बार माफी मांगी. इसके बाद, जब वे अपनी स्कोर शीट पर हस्ताक्षर कर हॉल से बाहर निकल रहे थे, तो उन्होंने भारतीय किशोर की पीठ भी थपथपाई. यह दृश्य बताता है कि भले ही कार्लसन को अपनी हार पर गुस्सा था, लेकिन वे गुकेश की प्रतिभा का सम्मान करते हैं. कार्लसन का गुस्सा स्वाभाविक था, क्योंकि वे खेल के अधिकांश समय तक जीत की स्थिति में लग रहे थे, लेकिन फिर, स्टावेंजर के अप्रत्याशित मौसम की तरह, पलक झपकते ही बाजी पलट गई.

दिग्गज खिलाड़ी सुसान पोल्गर ने बताया ‘साल का सबसे बड़ा झटका’

शतरंज की दिग्गज खिलाड़ी सुसान पोल्गर ने इस जीत को ‘साल का सबसे बड़ा झटका’ करार दिया. उन्होंने रेखांकित किया, “कार्लसन ने गुकेश के खिलाफ शानदार खेल दिखाया, लेकिन एक बड़ी गलती के कारण जीती बाजी हार गए! कार्लसन क्लासिकल शतरंज में शायद ही कभी हारते हैं और शायद ही कभी बड़ी गलतियां करते हैं, लेकिन गुकेश ने हार नहीं मानी. वह लगातार लड़ते रहे और कार्लसन की बढ़त धीरे-धीरे खत्म होती गई. फिर जब दोनों पर समय का दबाव था तो उन्होंने एक बड़ी गलती की जिसकी वजह से उन्हें खेल से हाथ धोना पड़ा. यह उनके शानदार करियर की सबसे दर्दनाक हार में से एक है. मुझे यकीन है कि वह खुद से बहुत नाराज होंगे.”

जीत के बाद डी गुकेश की प्रतिक्रिया: ‘खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था’

एक ओर जहाँ मैग्नस कार्लसन गुस्से में थे, वहीं डी गुकेश अपनी जीत पर चकित थे. वह टेबल से उठे और कार्लसन से दूसरी तरफ चले गए, अपने मुँह को हथेलियों से ढक लिया. वे सहसा अपनी इस बड़ी सफलता पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे. कार्लसन के जाने के बाद उन्होंने बोर्ड को ठीक किया. जब वह हॉल से बाहर निकले, तो भारतीय किशोर का स्वागत उनके पिता और उनके लंबे समय के कोच ग्रेजगोरज गजेव्स्की ने किया. ग्रेजगोरज ने गुकेश को खुशी में जोरदार मुक्का मारा, जो शायद उन्होंने गुकेश के साथ इससे पहले कभी नहीं किया था. गुकेश और ग्रेजगोरज लगभग 2 साल से साथ हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कार्लसन की प्रतिक्रिया से हैरान थे, गुकेश ने चेस डॉट कॉम से कहा, “नहीं, जिस तरह से वह हारे, वह दिल तोड़ने वाला था. मैं पूरी तरह से समझता हूँ. मैंने भी अपने करियर में कई बार टेबल पर हाथ मारा है. कभी कैमरे के सामने और कभी कैमरे की पहुँच से दूर. हालांकि, मैं इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा था कि उन्होंने क्या किया, मैं बस खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था.”

यह एक ऐसा ही अवसर था. नॉर्वे शतरंज में दो साल में दूसरी बार, एक भारतीय किशोर ने इस पीढ़ी और शायद इतिहास के सबसे महान शतरंज खिलाड़ियों में से एक मैग्नस कार्लसन को हराकर क्लासिकल फॉर्मेट में अपनी पहली जीत दर्ज की. पिछले साल, यह प्रज्ञानंद ने किया था. इस साल, मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश ने यही कारनामा दोहराया है.

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