पंचमढ़ी में आयोजित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में राज्य के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक का प्रमुख फोकस कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और श्रम क्षेत्र में सुधार पर रहा। इस बैठक में प्रदेश सरकार ने ‘एग्रीटेक हब / इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर’ परियोजना की स्थापना और संचालन को हरी झंडी दे दी। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य राज्य में तकनीक आधारित कृषि विकास को गति देना और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना है।
सरकार ने इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन कार्यरत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) को साझेदार संस्था के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम प्रदेश में स्मार्ट और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगा, जिससे किसान तकनीकी नवाचारों से लाभान्वित होंगे और उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
श्रम कानूनों में संशोधन से छोटे उद्योगों को राहत
कैबिनेट की बैठक में श्रम कानूनों को सरल बनाने और छोटे एवं मध्यम उद्योगों पर अनुपालन का बोझ कम करने को लेकर तीन प्रमुख श्रम कानूनों में संशोधन की स्वीकृति दी गई। यह कदम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
पहला बदलाव ठेका श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 में किया गया है, जिसके अंतर्गत अब तक 20 ठेका श्रमिकों की सीमा को बढ़ाकर 50 कर दिया गया है। इससे छोटे उद्यमों को नियोजन में अधिक लचीलापन मिलेगा।
पचमढ़ी में आयोजित कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 3, 2025
💠 श्रम कानूनों में सरलीकरण के लिए तीन श्रम कानूनों में संशोधन का अनुमोदन
💠 कम्पोजिट लॉजिस्टिक हब पवारखेड़ा परियोजना को हस्तांतरित करने का निर्णय @DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh #MadhyaPradesh #MPCabinetInPachmarhi… pic.twitter.com/rpntWeAlmq
दूसरा संशोधन कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत किया गया, जिसमें विनिर्माण इकाइयों में श्रमिकों की न्यूनतम संख्या की सीमा को संशोधित किया गया है। अब शक्ति के उपयोग से चलने वाले उत्पादन स्थलों में 10 की जगह 20 श्रमिक और बिना शक्ति के चलने वाली इकाइयों में 20 की जगह 40 श्रमिकों तक की सीमा तय की गई है। इस बदलाव से अधिक संख्या में छोटे कारखानों को कानूनी सरलीकरण का लाभ मिलेगा।
तीसरा महत्वपूर्ण संशोधन औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 में किया गया है। पहले केवल लोक उपयोगी सेवाओं में ही हड़ताल या तालाबंदी से पहले सूचना-पत्र देने का नियम था, लेकिन अब इसे सभी औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर लागू किया जाएगा। इससे औद्योगिक क्षेत्रों में शांति और पारदर्शिता बढ़ेगी तथा औद्योगिक विवादों को समय रहते सुलझाया जा सकेगा।
श्रम मंत्री ने बताया सुधारों का उद्देश्य
राज्य के श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पंचमढ़ी में आयोजित यह कैबिनेट बैठक महान स्वतंत्रता सेनानी राजा भभूत सिंह जी को समर्पित रही। उन्होंने कहा कि जिन तीन श्रम कानूनों में संशोधन की मंजूरी दी गई है, वे लंबे समय से उद्योग जगत की मांग रहे हैं। इन सुधारों से न केवल कागजी कार्यवाही में कमी आएगी, बल्कि छोटे और मध्यम उद्योगों को कानूनी प्रक्रिया में भी आसानी होगी।
प्रहलाद पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि इन संशोधनों को आगामी विधानसभा सत्र में विधिवत रूप से प्रस्तुत कर पारित किया जाएगा, जिससे ये कानूनी रूप से प्रभावी हो सकें। उन्होंने इसे राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक हितों के संतुलन की दिशा में बड़ा कदम बताया।