मध्य प्रदेश में जल्द ही पदोन्नति में आरक्षण की राह खुल सकती है। इसको लेकर समान्य प्रशासन विभाग ने प्रारुप तैयार कर लिया है। ऐसी उम्मीद की जा रही है की अगले कैबिनेट में इसे मंजूरी मिल सकती है। इससे प्रदेश भर के लगभग 5 लाख कर्मचारियों को राहत मिलने के आसार है।
प्रारुप में आरक्षित वर्गो को दी प्राथमिकता
मंगलवार को समान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दूबे ने इसे लेकर कैबिनेट के मंत्रियों के साथ प्रेजेंटेशन दी, जिसमें बताया गया कि इस कड़ी में सबसे पहले एसटी और फिर एससी वर्ग के पद सीटे भरे जाएंगे जिसमें एसटी के 20 और एससी के 16 फीसदी पद शामिल है। उसके बाद के अनारक्षित वर्ग के पदो को भरा जाएगा। प्रारुप में कहा गया कि अगर आरक्षित वर्गों के पद खाली रहे तो उन्हें रिक्त ही छोड़ा जाएगा। साथ ही पहले से प्राप्त पदोन्नति को रिवर्ट नहीं किया जाएगा और जो कर्मचारी रिटायर हो चुके है उनको इसका लाभ नहीं मिल सकेगा। ऐसे में विभाग की तरफ से कहा गया कि सभी वर्गो को ध्यान में रख कर ये फैसला लिया गया है कि प्रत्येक पद के लिए दो गुने के साथ 4 और कर्मचारियों को बुलाया जाएगा अर्थात् अगर 5 पद खाली है तो 10 के साथ 4 और कर्मचारी यानि कुल 14 कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे, जिससे हर कर्मचारी को लाभ मिलेगा। ऐसे में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रारुप पर अपनी मुहर लगा दी है और उम्मीद है कि जून के अंतिम सप्ताह तक कैबिनेट भी इस पर अपनी मुहर लगा सकती है।
9 साल से कर्मचारी कर रहे थे इंतजार
आपको बता दे कि मध्य प्रदेश के लगभग लाखो कर्मचारी बीते 9 सालों से इस फैसले की प्रतीक्षा कर रहे थे जिसमें 1 लाख कर्मचारी तो बिना पदोन्नति के ही रिटायर हो गए और कई आज तक इसके इंतजार में बैठे है। ऐसे कर्मचारियों के लिए खुशी की बात ये है कि सरकार इस फैसले के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया में तेजी लाने के विचार में है। हर साल सिंतबर से नवंबर के बीच पदोन्नति की प्रक्रिया शुरु होगी और 31 दिसंबर तक पात्रता का निर्धारण कर 1 जनवरी से पदभार मिल जाएगा। पदोन्नति को दो वर्गो में बाँटा गया है जहाँ क्लास 1 के लिए मेरिट कम सिनियरिटी और क्लास 2 के लिए सिनियरिटी कम मेरिट के आधार पर पदों को भरा जाएगा। ऐसे में आरक्षित और अनारक्षित दोंनो वर्गो को इस फैसले का लाभ मिलेगा। ऐसे में कर्मचारियों को औपचारिक नोटिफिकेशन आने का इंतजार है ताकि ये नीति जल्द से जल्द लागू हो जाए।