ईरान और इजरायल के बीच जारी भीषण संघर्ष अब अपने पाँचवें दिन में प्रवेश कर चुका है, और दोनों ही पक्ष अपने हमलों को और तेज़ कर रहे हैं। इस युद्ध में अब तक भारी संख्या में लोग हताहत हुए हैं। इजरायली हवाई हमलों ने ईरान में कम से कम 224 लोगों की जान ले ली है, जिनमें तेहरान के कई शीर्ष सैन्य कमांडर, प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक और कई आम नागरिक शामिल हैं। वहीं, इजरायली अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उनके क्षेत्र पर हुए ईरानी हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 24 लोग मारे गए हैं। मंगलवार तड़के इजरायली सेना ने ईरान से दागी गई नई मिसाइलों का पता लगाने की चेतावनी जारी की, जिसने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है।
ट्रंप का हस्तक्षेप और तेहरान के लिए चेतावनी
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार रात को ग्रुप ऑफ सेवन (G7) शिखर सम्मेलन समाप्त होने से एक दिन पहले ही वहां से रवाना हो गए। उनके इस कदम को इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिका की अधिक सक्रिय भागीदारी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप ने तेहरान के लोगों को तत्काल शहर खाली करने की भी चेतावनी दी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
परमाणु कार्यक्रम पर इजरायल का निशाना
मध्य पूर्व में मौजूदा स्थिति तब और बिगड़ गई जब शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य बुनियादी ढांचे को लक्षित करते हुए बड़े पैमाने पर हमले किए। इन हमलों के बाद से दोनों देशों के बीच लगातार जवाबी हमले जारी हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इजरायल के ये हमले तब हुए जब तेहरान और वाशिंगटन के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर एक समझौते तक पहुँचने के लिए बातचीत चल रही थी। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का मानना है कि इजरायली हमलों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को काफी हद तक पीछे धकेल दिया है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मेरा अनुमान है कि हम उन्हें बहुत, बहुत लंबे समय के लिए वापस भेज रहे हैं।”
भारत की अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह
मध्य पूर्व में जारी इस गंभीर तनाव को देखते हुए, भारत सरकार ने ईरान की राजधानी तेहरान में रह रहे अपने नागरिकों को तत्काल शहर छोड़ देने की सलाह दी है। तेहरान में रह रहे भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने का आग्रह किया गया है और उन्हें भारतीय दूतावास से संपर्क करने के लिए भी कहा गया है। यह कदम क्षेत्र की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनज़र उठाया गया है ताकि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
फ्रांस की युद्धविराम की पहल और इजरायल को चेतावनी
G7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा में मौजूद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की संभावना पर विचार कर रहे हैं। फ्रांसीसी नेता ने इजरायल को यह भी चेतावनी दी कि तेहरान में सत्ता परिवर्तन के लिए मजबूर करना एक “रणनीतिक गलती” होगी, जिससे क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता आ सकती है। उन्होंने G7 शिखर सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, “वास्तव में मिलने और आदान-प्रदान करने का एक प्रस्ताव है। विशेष रूप से युद्धविराम करने और फिर व्यापक चर्चा शुरू करने के लिए एक प्रस्ताव दिया गया था… हमें अब देखना होगा कि क्या पक्ष इसका पालन करेंगे।” मैक्रॉन के इस बयान से पता चलता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष को शांत करने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन इसका परिणाम दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।