मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज (मंगलवार, 17 जून 2025) मोहन कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। यह बैठक मंत्रालय में सुबह लगभग 11 बजे से शुरू होगी, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है। सबसे बड़ा इंतजार सरकारी कर्मचारियों के लंबे समय से रुके हुए प्रमोशन नीति को लेकर है, जिससे लाखों कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है।
प्रमोशन नीति पर बड़ा फैसला संभव
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट की बैठक में नई प्रमोशन नीति का प्रस्ताव आ सकता है, जिसके तहत वरिष्ठता के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। इस नई व्यवस्था में, राज्य सेवा के अधिकारियों को आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की तर्ज पर एडवांस प्रमोशन मिल सकेगा, जिससे उन्हें पदोन्नति के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नई नीति में 20% पद अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग और 16% पद अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के अधिकारियों के लिए आरक्षित रहेंगे। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही पिछले नौ सालों से रुके हुए प्रमोशन का रास्ता खुल जाएगा, जिससे प्रदेश के लगभग 4 लाख कर्मचारियों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा।
नौ साल का इंतजार खत्म
पिछले नौ सालों से मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण से संबंधित एक मामले के कारण रुकी हुई थी। सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी (विशेष अवकाश याचिका) दायर की थी, जिसके कारण प्रमोशन प्रक्रिया रुकी हुई थी। अब नया प्रमोशन फार्मूला तैयार किया गया है और इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश किया गया है। पदोन्नति में रोक के चलते अब तक एक लाख से अधिक कर्मचारी बिना प्रमोशन पाए ही रिटायर हो चुके हैं। सरकार का कहना है कि नए फार्मूले से आरक्षित और अनारक्षित दोनों वर्गों को संतुष्टि मिलेगी। मुख्यमंत्री स्वयं इस प्रस्ताव का दो बार बारीकी से अध्ययन कर चुके हैं, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।
क्या है नया प्रमोशन फार्मूला?
नए फार्मूले के तहत, रिक्त पदों को वर्गों में बांटा जाएगा। जितने भी पद खाली होंगे, उन्हें अनुसूचित जाति-जनजाति (16%-20%) और अनारक्षित हिस्सों में विभाजित किया जाएगा। सबसे पहले अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के पद भरे जाएंगे, उसके बाद बाकी पदों के लिए सभी पात्र दावेदारों को मौका मिलेगा। डिप्टी कलेक्टर जैसे क्लास-1 अधिकारियों के लिए प्रमोशन लिस्ट मेरिट और सीनियरिटी दोनों के आधार पर तैयार की जाएगी, जबकि क्लास-2 और उससे नीचे के पदों के लिए लिस्ट केवल सीनियरिटी के आधार पर बनेगी।
प्रमोशन के लिए कर्मचारी की गोपनीय रिपोर्ट का अच्छा होना भी अनिवार्य है। यदि किसी कर्मचारी की गलती से उसकी रिपोर्ट नहीं बनी है, तो उसे प्रमोशन नहीं मिलेगा। पिछले 7 साल में कम से कम 4 गोपनीय रिपोर्ट ‘ए+’ (A+) होनी चाहिए, या पिछले 2 साल में कम से कम 1 रिपोर्ट ‘आउटस्टैंडिंग’ होनी चाहिए।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी पहले से प्रमोशन पा चुके हैं, उन्हें हटाया नहीं जाएगा। हालांकि, जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, उन्हें इस नए नियम का फायदा नहीं मिलेगा। नया नियम उस दिन से लागू होगा जिस दिन इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होगा। विशेष रूप से, सबसे पहले जनजातीय वर्ग के पद भरे जाएंगे, उसके बाद अनारक्षित पदों की पूर्ति की जाएगी। यदि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पद पर कोई पात्र व्यक्ति उपलब्ध नहीं होता है, तो वह पद रिक्त रहेगा।
बिजली कंपनियों को भी मिलेगी संजीवनी
प्रमोशन नीति के अलावा, कैबिनेट की बैठक में बिजली कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 5168 करोड़ रुपये की स्वीकृति के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है। इस राशि से राज्य की बिजली वितरण व्यवस्था को मजबूत करने और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी इस बैठक में चर्चा और मुहर लगने की संभावना है, जिनकी जानकारी जल्द ही सामने आएगी। यह बैठक मध्य प्रदेश सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है, जो न केवल सरकारी कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगी, बल्कि राज्य के विकास को भी गति प्रदान करेगी।