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June 18, 2025
मध्य प्रदेश

आंबेडकर प्रतिमा विवाद: कांग्रेस का RSS-BJP के खिलाफ ‘जन जागरण अभियान’, संविधान निर्माता के सम्मान की लड़ाई

मध्य प्रदेश में डॉ. बी.आर. अंबेडकर की विरासत को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच परिसर में बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापित करने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा कथित ‘बाधाओं’ के खिलाफ एक राज्यव्यापी अभियान चलाएगी। विपक्षी कांग्रेस के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा सुनियोजित तरीके से संविधान निर्माता के रूप में अंबेडकर के अतुलनीय योगदान को नकारने का प्रयास कर रहे हैं।

बीएन राव विवाद: बीजेपी पर इतिहास बदलने का आरोप

कांग्रेस ने ग्वालियर में हाल ही में लगाए गए कुछ पोस्टर और होर्डिंग्स को सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा, पूर्व सिविल सेवक और संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार बी.एन. राव को संविधान के मुख्य निर्माता के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ग्वालियर में हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना को लेकर ‘विवाद’ पैदा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, “एक सुनियोजित साजिश के तहत संविधान निर्माता के योगदान पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस तरह के विवाद आरएसएस के नागपुर मुख्यालय से शुरू हो रहे हैं।” चौधरी ने दृढ़ता से कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर ‘जन जागरण अभियान’ के दौरान जनता के सामने अपनी बात मजबूती से रखेगी और अंबेडकर के सम्मान की रक्षा करेगी।

कांग्रेस का राज्यव्यापी जनजागरण अभियान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दावा किया कि “ग्वालियर में पोस्टरों के जरिए यह प्रचारित किया जा रहा है कि बाबा साहब संविधान के निर्माता नहीं थे।” उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अंबेडकर और संविधान के सम्मान में पूरे प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाएगी। इस अभियान के तहत, 23 जून को पार्टी के नेता और कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से चर्चा करेंगे। इसके बाद 24 जून को गरीब बस्तियों में संविधान पर चर्चा के साथ सामूहिक भोज का आयोजन किया जाएगा। पटवारी ने यह भी घोषणा की कि 25 जून को ग्वालियर में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एक दिन का उपवास रखेंगे, जो इस मुद्दे पर पार्टी की गंभीरता को दर्शाता है।

दिग्विजय सिंह ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस बहस में शामिल होते हुए कहा कि बी.एन. राव संविधान सभा के सदस्य नहीं, बल्कि केवल एक सलाहकार थे और अंबेडकर के योगदान को नकारना पूरी तरह गलत है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि “आरएसएस ने अतीत में संविधान की प्रतियां जलाई थीं और तिरंगे का विरोध किया था, और अब वह बाबा साहब की प्रतिमा लगाने और उनके योगदान का विरोध कर रहा है।” उन्होंने भाजपा पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इससे उसका “दोहरा चरित्र” उजागर होता है।

भाजपा पर ‘वर्ग संघर्ष’ को बढ़ावा देने का आरोप

विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भाजपा और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे देश के इतिहास को बदलने और समाज में वर्ग संघर्ष को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि अंबेडकर को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे दलित वर्ग से आते हैं, जो इस विवाद को और भी संवेदनशील बना रहा है।

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