जबलपुर में नकली करेंसी के नेटवर्क के खिलाफ हनुमानताल पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी रवि दहिया की गिरफ्तारी के बाद अब उसके साथी ऋतुराज विश्वकर्मा को भी दबोच लिया है। ऋतुराज के पास से लगभग ₹4,80,000 के नकली नोट बरामद किए गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ऋतुराज अपने ही घर में हाई-टेक तरीके से जाली नोट छापने का काम कर रहा था।
बीबीए छात्र ने हाई-टेक तरीके से छापे नकली नोट
पुलिस के अनुसार, ऋतुराज विश्वकर्मा बीबीए (बैंकिंग) का छात्र रहा है। अपनी पढ़ाई के दौरान ही उसे करेंसी से जुड़ी तकनीकी जानकारी मिली, जिसका इस्तेमाल उसने नकली नोट बनाने में किया। आरोपी ने लैपटॉप और एक सामान्य प्रिंटर का उपयोग करके 500 रुपये के नकली नोट तैयार किए। इन नोटों को असली जैसा दिखाने के लिए उसने ऑनलाइन व्हाइट पेपर और विशेष महंगे रंग भी मंगवाए थे। यह दर्शाता है कि उसने इस काम में काफी गंभीरता और योजनाबद्ध तरीके से निवेश किया था।
चाय की दुकान से शुरू हुई थी नकली नोटों की साजिश
जांच में यह खुलासा हुआ है कि ऋतुराज की मुलाकात मुख्य आरोपी रवि दहिया से एक चाय की दुकान पर हुई थी। वहीं से नकली नोटों के इस बड़े नेटवर्क की नींव रखी गई। दोनों के बीच एक सौदा तय हुआ था, जिसके तहत जाली नोटों की बिक्री से होने वाले मुनाफे का 70 प्रतिशत हिस्सा ऋतुराज को और 30 प्रतिशत रवि को मिलना था। इससे पहले, हनुमानताल पुलिस ने रवि दहिया को गिरफ्तार कर उसके पास से ₹2.94 लाख के नकली नोट बरामद किए थे, जिसके बाद यह कड़ी ऋतुराज तक पहुंची।
छत्तीसगढ़ कनेक्शन की आशंका और आगे की जांच
हनुमानताल थाना प्रभारी धीरज राज ने बताया कि पूछताछ के दौरान ऋतुराज ने कबूल किया है कि यह उसका पहला प्रयास था। हालांकि, पुलिस को शक है कि नकली नोटों के इस गिरोह की जड़ें केवल जबलपुर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ तक फैली हो सकती हैं। पुलिस अब इस मामले में अन्य संभावित सहयोगियों की तलाश कर रही है और पूछताछ जारी है। यह गिरफ्तारी नकली करेंसी के खिलाफ पुलिस की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है, जो इस तरह के आपराधिक नेटवर्क को तोड़ने में मदद करेगी।